Draupadi murmu biography in hindi द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय | FAMILY, EDUCATION LIFE STYLE |
Draupadi murmu biography आज हम द्रौपदी मुर्मू, जिनका नाम अगले राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए चुना गया है, की जीवनी शेयर कर रहे हैं। द्रौपदी मुर्मू का नाम आजकल सोशल मीडिया पर भी काफी ज्यादा वायरल हो रहा है। सभी कोई जानना चाहते हैं कि यह द्रौपदी मुर्मू कौन है? और इनका नाम राष्ट्रपति पद के लिए क्यों चयनित किया गया है?
आज के इस लेख में हम आपसे द्रौपदी मुर्मू के जीवन से संबंधित सभी जानकारियां साझा करेंगे। यदि आप भी द्रौपदी मुर्मू की जीवनी जानना चाहते हैं तो इस लेख में हमारे साथ अंत तक बने रहे।
नाम -द्रौपदी मुर्मू
जन्म – 20 जून 1958
जन्म स्थान- मयूरभंज,उड़ीसा
पिता का नाम- बिरांची नारायण टुडू
पति का नाम- श्याम चरण मुर्मू
बेटी का नाम- इतिश्री मुर्मू
पेशा- राजनीतिज्ञ
पार्टी- भारतीय जनता पार्टी
आयु- 64 वर्ष
संपत्ति- लगभग 10 लाख
द्रौपदी मुर्मू का प्रारंभिक जीवन :-
द्रौपदी मुर्मू का जन्म ओडिशा के मयूरभंज जिले में एक आदिवासी परिवार में 30 जून 1958 ईस्वी को हुआ था। द्रौपदी मुरमू मयूरभंज के जिले के बेदापोशी गांव में रहती थी। इनके पिता का नाम बिरंची नारायण टूडू था और इनके पिता अपने गांव के प्रधान भी थे। द्रौपदी मुर्मू का विवाह श्याम चरण मुर्मू से हुआ था जिन से इन्हें 3 संतान की प्राप्ति हुई।
इनके दो बेटे एवं एक बेटी थी। किसी कारणवश इनके पति एवं दोनों पुत्रों की मृत्यु अलग-अलग समय पर हो गई थी। पति एवं पुत्रों की मृत्यु के बाद द्रौपदी मुर्मू ने अकेले ही अपनी बेटी का पालन पोषण किया। द्रौपदी मुर्मू ने एक शिक्षिका के रूप में कार्य करके अपनी बेटी का पालन पोषण किया और उसका विवाह भुवनेश्वर के एक परिवार में करवाया।
द्रौपदी मुर्मू का शैक्षणिक जीवन :-
द्रौपदी मुर्मू का शैक्षणिक जीवन भी बहुत आसान नहीं था। इन्होंने मयूरभंज जिले से ही अपने जूनियर तक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद इन्होंने रामा देवी महिला कॉलेज से B.A. में ग्रेजुएशन किया। ग्रेजुएशन करने के बाद इनकी नौकरी सिंचाई एवं ऊर्जा विभाग में जूनियर असिस्टेंट के रूप में लग गई थी।
सिंचाई एवं ऊर्जा विभाग में उन्होंने कुल 4 साल 1979 से 1983 तक नौकरी की। द्रौपदी मुरमू को पढ़ाने का अधिक शौक था जिसके कारण इन्होंने एक अध्यापिका के रूप में ज्यादा लंबे समय तक कार्य किया। इन्होंने 1994 से अध्यापिका के रूप में रायरंगपुर के श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर में शिक्षा दिया था।
द्रौपदी मुर्मू का राजनीतिक जीवन :-
द्रौपदी मुर्मू ने अध्यापिका के रूप में साल 1997 तक ही काम किया। 1997 में यह रायरंगपुर नगर पंचायत के पार्षद चुनाव ने खड़ी हुई और पार्षद चुनाव के पद को जीतकर अपने राजनीतिक जीवन का आरंभ किया। द्रौपदी मुर्मू 1997 में ही भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुई थी। द्रौपदी मुर्मू ने सन 2000 में भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा में उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया। साथ ही यह अनुसूचित जनजाति मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मेंबर भी रहीं।
द्रौपदी मुर्मू ओड़िशा के मयूरभंज जिले की दो बार विधायक भी रही है। यह 2002 और 2009 में रायरंगपुर सीट से भाजपा की टिकट पर दो बार विधायक के चुनाव के लिए खड़ी हुई और मयूरभंज जिले की विधायक बनी।
2002 और 2004 के बीच जब बीजू जनता दल और भाजपा का गठबंधन हुआ था तो द्रौपदी मुर्मू को वाणिज्य, परिवहन तथा मत्स्य और पशु संसाधन विभाग में कैबिनेट मंत्री के रूप में भी चुना गया था। इन्होंने कैबिनेट मंत्री के रूप में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की सरकार में काम किया था।
इसके अलावा द्रौपदी मुर्मू को 2002 से लेकर 2009 तक मयूरभंज जिला में भाजपा का अध्यक्ष बनने का मौका भी मिला। इसके बाद द्रौपदी मुर्मू 2015 में झारखंड की 9 वी राज्यपाल भी बनी। इसके पहले सैयद अहमद झारखंड के राज्यपाल थे।
2015 में द्रौपदी मुर्मू पहली महिला थी जो झारखंड की राज्यपाल बनी थी और इस पद पर यह 2021 तक कार्यरत थी। झारखंड की पहली महिला राज्यपाल होने के साथ-साथ यह पहली आदिवासी महिला भी हैं जिन्हें राज्यपाल के रूप में चुना गया था।
द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में चुना गया :-
द्रौपदी मुर्मू को एनडीए के द्वारा राष्ट्रपति पद के लिए चयनित किया गया है। इनके पिछले कार्यों को देख कर इन्हें इस पद के लिए चयनित किया गया। इस समय द्रौपदी मुर्मू सोशल मीडिया पर चर्चा की विषय बनी हुई है क्योंकि इन्हें राष्ट्रपति पद के लिए चुना गया है।
द्रौपदी मुर्मू ने 1997 से लेकर 2021 तक अपने राजनीतिक कार्यकाल में जितने भी काम किए हैं वह कब काफी सराहनीय रहे हैं इसीलिए इन्हें राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में चुना गया है।
यदि द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति के रूप में सुनी जाती है तो यह दूसरी महिला होंगी जो भारत की राष्ट्रपति होंगी। द्रौपदी मुर्मू के पहले प्रतिभा पाटिल भारत के राष्ट्रपति रह चुके हैं। साथ ही द्रौपदी मुरमू पहली आदिवासी महिला होगी जो भारत की राष्ट्रपति बनेंगी।
द्रौपदी मुर्मू को प्राप्त पुरस्कार :-
द्रौपदी मुर्मू को 2007 में विधायकी के लिए नीलकंठ पुरस्कार प्राप्त हुआ था। इन्हें यह पुरस्कार ओडिशा विधानसभा द्वारा दिया गया था। इसके अलावा द्रौपदी मुरमू को झारखंड की पहली महिला राज्यपाल होने का खिताब भी प्राप्त है।
द्रौपदी मुर्मू की संपत्ति
एक नेता होने के बाद भी द्रोपदी मुर्मू के पास अधिक संपत्ति नहीं है। इनके पास केवल ₹9.5 लाख की संपत्ति है। इनकी संपत्ति में इनके पास ना ही कोई आभूषण अपना जमीन जायदाद, न ही कोई चल या अचल संपत्ति है। द्रोपदी मुर्मू एक बहुत ही साधारण जीवन यापन करती है।
निष्कर्ष :-
आज के इस लेख में हमने आपको द्रौपदी मुर्मू की जीवनी बताई। उम्मीद है कि आप जान पाए होंगे कि द्रौपदी मुर्मू कौन है? यदि आज के इस लेख द्वारा आपको जानकारियां मिल पाई है तो इस लेख को अपने अन्य दोस्तों के साथ भी साझा करें।
FAQ
प्रश्न – द्रौपदी मुर्मू की बेटी कौन है?
उत्तर – द्रौपदी मुर्मू की बेटी का नाम इतिश्री मुर्मू है।
प्रश्न – द्रौपदी मुरमू के परिवार में कितने लोग है?
उत्तर -द्रौपदी मुर्मू के परिवार में इनकी बेटी, पोती और दामाद है।
प्रश्न – द्रौपदी मुर्मू किस जाति की हैं?
उत्तर – द्रौपदी मुर्मू अनुसूचित जाति की हैं।