Shafali Verma : Women’s Virat Or Sachin ? || Biography in Hindi | शैफाली वर्मा

Shafali Verma शैफाली वर्मा : इस पोस्ट में हम लेकर आऐ है एक महिला क्रिकेटर जो टी20 क्रिकेट में भारत की सबसे कम उम्र की क्रिकेटर है। जीहां शैफाली वर्मा, नाम तो सुना ही होगा, यदि नहीं तो आप इस पोस्ट में शैफाली वर्मा की कहानी और जीवनी के बारे में जानिए ।

Life And Other Details

शैफाली वर्मा – (जन्म 28 जनवरी 2004 मे हरियाणा) टी 20 अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले सबसे कम उम्र की क्रिकेट है। शैफाली वर्मा ने सचिन तेंदूलकर के 30 साल पुराने उस रिकॉर्ड को तोड़ दिया जो सचिन ने 16 साल की उम्र में पहला अंतराष्ट्रीय अर्धशतक लगाने के साथ अपने नाम किया था। 15 साल की उम्र में अपना पहला अंतराष्ट्रीय अर्धशतक बनाने के साथ ही यह शैफाली वर्मा सबसे कम उम्र में अंतराष्ट्रीय अर्धशतक लगाने वाली क्रिकेट बन गई।

जन्म – 28 जनवरी 2004 (आयु 18) Birth – 28 January 2004
गेंदबाजी की शैली – दायाँ हाथ से करती है Bowled Type – Right Handed Bowler
भूमिका – बल्लेबाज महिला Main Role – Batsman

अंतराष्ट्रीय जानकारी(International Information)

राष्ट्रीय पक्ष – भारत(INDIA)
वनडे पदार्पण (कैप 131)(ODI Debut) – 17 जून 2021 बनाम इंग्लैंड महिला(17 June 2021 Vs England)
अंतिम एक दिवसीय(Last ODI) – 24 फरवरी 2022 बनाम न्यूजीलैंड महिला(24 Feb. 2022 Vs Newzealand)
टी20ई पदार्पण (कैप 64)(T20 Debut) – 24 सितंबर 2019 बनाम दक्षिण अफ्रीका(24 September 2019 Vs South Africa)
अंतिम टी20I(Last T20) -20 नंवबर 2019 बनाम वेस्ट इंडीज(20 November 2019 Vs Westindies)

कैरियर के आँकडे़(Carrier)

FormatMatchInningsRunsHighestAverageSR100s50s4s6sCtSt
TEST242429660.50620334310
ODI21215317126.5583.620464660
T20444410447324.27134.70041264190
आंकड़ो से संबधित त्रुटि के लिए यह वेबसाईट जिम्मेदार नहीं है।

व्यक्तिगत जीवन

नवंबर 2013 में 9 साल की उम्र में वर्मा ने अपने पिता के साथ दिल्ली के पास रोहत के स्टेडियम में सचिन का आखिरी रणजी ट्रॉफी मैच देखा था। शैफाली के मुताबिक तेंदुलकर को मुम्बई को जीत दिलाते देख वो क्रिकेट में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित हुई।
वर्मा कई इंटरव्यू में तेंदुलकर को अपना आदर्श बता चुकी है।
शैफाली के मुताबिक उनके भाई जिस स्थानीय क्लब क्रिकेट क्लब में लिखते थे। वो उन्हें खेलने का मौका नहीं देते थे क्योंकि उन्हें अपनी टीम में कोई लड़की नहीं चाहिए थी।
वर्मा के पिता ने इसका बहुत ही रचनात्मक समाधान निकाला। उन्होंने वर्मा के बाल कटवाए जिससे उनके लड़का होने का भ्रम पैदा किया जा सके।
एक दिन वर्मा का भाई बीमार हो गया और उन्होंने स्थानीय क्लब में अपने भाई की जगह ले ली। टीम के लिए खेलने हुए वर्मा पहले ‘मैन ऑफ द मैच‘ फिर टूर्नामेंट में ‘‘मैन ऑफ द सीरीज‘‘ बनी।

करियर

क्रम में शैफाली महज कुछ अंकों के फासले से तीसरे स्थान पर है। शैफाली वर्मा ने सितंबर 2019 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ महिला टी20 मैच के साथ अपने अंतराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत की। तब वे महज 15 साल की थीं।
नवंबर 2019 में, वेस्ट इंडीज के खिलाफ अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में उन्होंने सबसे कम उम्र में अर्धषतक जमाने का रिकॉर्ड कायम किया। वेस्ट इंडीज के खिलाफ पांच टी20 मैचों की इसी सिरीज में 158 रन के साथ शैफाली ‘प्लयेर ऑफ द सीरीज‘ भी चुनी गई।


जनवरी 2020 में शैफाली को ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम में जगह दी गई। उसी साल बीसीसीआई (बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया) ने उन्हें केंद्रीय अनुबंध में भी शामिल किया।
वर्ल्ड कप में शैफाली 161 के स्ट्राइक रेट के साथ तीसरी सर्वाधिक रन बनाने वाली क्रिकेटर रहीं। टूर्नामेंट में उनके इस प्रदर्शन के बाद ही भारत के पुर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने उन्हें रॉक स्टार का नाम दिया।
आईसीसी की महिला टी20 क्रिकेटर की ताजा वरीयता में तीसरे स्थान पर है।

Shefali Vs Social Thinking

इस महिला बल्लेबाज का जन्म 28 जनवरी 2004 को हरियाणा के रोहतक जिले में हुआ। शैफाली वर्मा के पिता को शुरू से ही क्रिकेट में दिलचस्पी रही है। वह क्रिकेट खेलते थे। और इंटरनेशनल खेलना उनके लिए सपना था। लेकिन विपरीत परिस्थितियों के चलते उनके सपने कभी पूरे नहीं हो सके। उन्होने जब अपनी बेटी को क्रिकेट खेलते देखा तो अपनी बेटी को घर पर ही ट्रेनिंग देना शुरू किया। बाद में शेफाली को प्रोफेशनल ट्रेनिंग के लिए अकेडमी में एडमिशन दिलाने की कोशिश की लेकिन एक लड़की होने के कारण लड़कों के साथ टेªनिंग के लिए अकेडमीयों ने मना कर दिया। शेफाली ऐ लड़की थी और लड़को के साथ कैसे खेल सकती थी। समाज की छोटी सोच ने उसे किसी भी अकेडमी में एडमिशन पाने से रोक दिया। समाज की छोटी सोच के बावजूद शेफाली और पिता सपने को साकार करने में लग गऐ। इस दौरान शैफाली के 9 साल की उम्र में बाल कटवा दिए ताकि किसी भी लड़के को ये महसूस न हो कि वह लड़की है। उसके बाद शेफाली को एक प्रोफेशनल एकेडमी में प्रवेश मिल गया। और उसने प्रोफेशनल तरीके से क्रिकेट की ट्रेनिंग लेना प्रारंभ कर दी।.

This female batsman was born on 28 January 2004 in Rohtak district of Haryana. Shefali Verma’s father has been interested in cricket since the beginning. He used to play cricket. And playing international was his dream. But his dreams could never be fulfilled due to adverse circumstances. When he saw his daughter playing cricket, he started training his daughter at home. Later, Shefali tried to get admission in the academy for professional training but being a girl, the academies refused to train with the boys. Shefali was a girl and how could she play with boys. The small thinking of the society prevented him from getting admission in any academy. Despite the small thinking of the society, Shefali and father started making the dream come true. During this, Shefali got her hair cut at the age of 9 so that no boy would feel that she is a girl. After that Shefali got admission in a professional academy. And he started taking cricket training professionally.

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