Manmohan Singh : “Former India’s Primeminister” | Manmohan Singh Biography | मनमोहन सिंह जीवनी |Manmohan Singh Biography in Hindi And English
Manmohan Singh : Former India’s Primeminister | Manmohan Singh Biography | मनमोहन सिंह जीवनी in Hindi And English
Manmohan Singh : Former India’s Primeminister | Manmohan Singh Biography | मनमोहन सिंह जीवनी
Manmohan Singh मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितम्बर 1932 को उस समय के पंजाब जोकि वर्तमान में पाकिस्तान में है, के चकवाल जिले के गाह गांव में हुआ। माता का नाम अमृत कौर और पिता का नाम गुरूमुख सिंह था। इनकी मृत्यु 26 दिसम्बर 2024 को हुई। इनकी मृत्यु 92 वर्ष की उम्र में लम्बी बीमारी के कारण हुई। इस पोस्ट में हम बात करने वाले है भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह जिनका हाल ही में निधन हो गया। इस पोस्ट से आपको मनमोहन सिंह से संबंधित सभी तथ्य मिल जाऐंगे जो आप जानना चाहते है और आपकी परीक्षा में महत्वपूर्ण है।
Manmohan Singh was born on 26 September 1932 in Gah village of Chakwal district of the then Punjab, which is now in Pakistan. His mother’s name was Amrit Kaur and father’s name was Gurumukh Singh. He died on 26 December 2024. He died at the age of 92 due to prolonged illness. In this post we are going to talk about former Prime Minister of India Mr. Manmohan Singh who passed away recently. From this post you will get all the facts related to Manmohan Singh which you want to know and are important in your exam.
Education(शिक्षा)
देश का विभाजन 1947 में हुआ। और विभाजन के बाद इनका परिवार भारत चला आया। यह पंजाब में रहने लगे। यह आने के बाद मनमोहन सिंह ने स्नातक व स्नातककोतर स्तर की पढ़ाई पंजाब विश्वविद्यालय से पूरी की। बाद में वे कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पी.एच.डी. करने चले गये। इसके बाद इन्होने अपनी डी.फिल. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से पूरी की।
The country was divided in 1947. After the partition, his family came to India. They started living in Punjab. After coming here, Manmohan Singh completed his graduation and post graduation from Punjab University. Later he went to Cambridge University to do his PhD. After this he completed his D.Phil. from Oxford University.
Manmohan Singh
After Education(शिक्षा के बाद का सफर)
इन्होने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद एक रचना लिखी जिसका नाम इंडियाज एक्सपोर्ट टेंडस एंव प्रोस्पेक्ट्स फॉर सेल्फ सस्टेंड ग्रोथ है। यह भारत की व्यापार नीति की पहली और सटीक आलोचनात्मक रचना मानी जाती है। इन्होने अर्थशास्त्र के अध्यापक के तौर पर काम शुरू किया। वे पंजाब विश्वविद्यालय में प्राध्यापक रहे। और इसके बाद में प्रतिष्ठित दिल्ली स्कूल ऑफ इकॉनामिक्स में प्राध्यापक रहे। इसके बाद में वे सयुंक्त राष्ट् व्यापार और विकास सम्मेलन सचिवालय में सलाहकार भी रहे। और 1987 और 1990 में जेनेवा में दो अलग अलग वर्ष जेनेवा की दक्षिण परिषद् में सचिव भी रहे।
After completing his studies, he wrote a work named India’s Export Trends and Prospects for Self-Sustained Growth. This is considered to be the first and accurate critique of India’s trade policy. He started working as a professor of economics. He was a professor at Punjab University. And after this he was a professor at the prestigious Delhi School of Economics. After this he was also an advisor in the United Nations Conference on Trade and Development Secretariat. And he was also the secretary of the South Council of Geneva in two different years in 1987 and 1990.
Manmohan Singh
Manmohan Singh In India(भारत में महमोहन सिंह)
1971 में डॉ. मनमोहन सिंह भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार नियुक्त किऐ गऐ। इसके तुरन्त बाद 1972 में उन्हें वित मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया गया। बाद में वे योजना आयोग के उपाध्यक्ष बनाऐ गऐ। इसके बाद रिजर्व बैंक का गवर्नर नियुक्त किया गया। प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार के तौर पर भी रहे। इसके अलावा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष भी रह चुके है। भारत के वित मंत्री के तौर पर भी इन्होने सेवाएं दी। ये 1991 से 1996 तक वित मंत्री रहे।
In 1971, Dr. Manmohan Singh was appointed economic advisor in the Ministry of Commerce and Industry of India. Soon after this, in 1972, he was appointed Chief Economic Advisor in the Ministry of Finance. Later he was made the Deputy Chairman of the Planning Commission. After this, he was appointed Governor of the Reserve Bank. He also served as the economic advisor to the Prime Minister. Apart from this, he has also been the Chairman of the University Grants Commission. He also served as the Finance Minister of India. He was the Finance Minister from 1991 to 1996.
Manmohan Singh
Family(परिवार)
भारत के आर्थिक सुधारों के प्रणेता माने जाने वाले डॉ. मनमोहन सिंह की शादी श्रीमती गुरशरण कौर से हुई। इनके तीन बेटियां है – उपिंदर सिंह, दमनदीप कौर और अमृत सिंह । गुरशरण कौर जालंधर से है।
Dr. Manmohan Singh, who is considered the pioneer of India’s economic reforms, is married to Mrs. Gursharan Kaur. They have three daughters – Upinder Singh, Damandeep Kaur and Amrit Singh. Gursharan Kaur is from Jalandhar. Manmohan Singh.
Political Life(राजनीतिक जीवन)
पीवी नरसिंहराव जब प्रधानमंत्री थे जो उनके काल में मनमोहन सिंह को अपने मंत्रिमंडल में शामिल करते हुए वित मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार सौंपा। इस समय डॉ. सिंह किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे। लेकिन संवैधानिक नियमों के अनुसार किसी एक सदन का सदस्य होना आवश्यक है। इसलिए उन्हें 1991 में असम क्षेत्र से राज्यसभा का सदस्य चुना गया। इस प्रकार डॉ. मनमोहन सिंह राजनीतिक जीवन में अपना अधिकारिक रूप से पहला कदम रखते है।
When PV Narasimha Rao was the Prime Minister, he included Manmohan Singh in his cabinet and gave him the independent charge of the Finance Ministry. At this time Dr. Singh was not a member of any House. But according to constitutional rules, it is necessary to be a member of one of the Houses. Therefore, he was elected a member of Rajya Sabha from Assam region in 1991. Thus Dr. Manmohan Singh officially took his first step in political life. Manmohan Singh.
First Time Election(पहली बार चुनाव)
1995 में दूसरी बार राज्यसभा सदस्य चुने गऐ। 1996 में दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स मे मानद प्रोफेसर के पद पर रहे। दक्षिण दिल्ली से 1999 में लोकसभा का चुनाव लड़े लेकिन हार गऐ। 2001 में तीसरी बार राज्य सभा सदस्य बनाऐ गऐ और तभी उन्हे सदन में विपक्ष के नेता चुन लिया गया। और जब 2004 में कांग्रेस की सरकार बनी तो पहली बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में चुने गऐ।
In 1995, he was elected Rajya Sabha member for the second time. In 1996, he held the post of honorary professor at Delhi School of Economics. He contested Lok Sabha elections from South Delhi in 1999 but lost. In 2001, he was made a member of Rajya Sabha for the third time and was elected the leader of the opposition in the House. And when the Congress government was formed in 2004, he was elected as the Prime Minister of India for the first time. Manmohan Singh.
Prizes(पुरस्कार एंव सम्मान)
1956 में कैम्ब्रिज विवि का एडम स्मिथ पुरस्कार
1987 में पद्म विभूषण
1993 व 1994 का एशिया मनी अवार्ड फॉर फाइनेन्स मिनिस्टर ऑफ द ईयर
1994 का यूरो मनी अवार्ड फॉर द फाईनेन्स मिनिस्टर ऑफ द ईयर
1995 में जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार
2002 में सर्वश्रेष्ठ सांसद
Scams(घोटाले)
2-जी स्पेक्ट्रम घोटाला
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट के अनुसार एक लाख 76 हजार करोड़ रूपये का घोटाला हुआ। संचार मंत्री ए. राजा को इस्तीफे के साथ साथ जेल भी जाना पड़ा।
कोयला आवंटन घोटाला
इनके कार्यकाल में देश में कोयला आवंटन के नाम पर करीब 26 लाख करोड़ रूपये की लूट हुई।
2-G spectrum scam
According to the report of the Comptroller and Auditor General of India, a scam of Rs. 1.76 lakh crores took place. Communications Minister A. Raja had to resign as well as go to jail.
Coal allocation scam
During his tenure, about Rs. 26 lakh crores were looted in the name of coal allocation in the country. Manmohan Singh.
Manmohan Singh
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