Jayparkash Narayan || Jayparkash Narayan Full information ||जयप्रकाश नारायण
Jayparkash Narayan || Full Information About Jayparkash Narayan || जयप्रकाश नारायण की पृष्ठभूमि || Jayparkash Narayan’s Background || जयप्रकाश नारायण का जीवन परिचय || भारतीय स्वंतत्रता सेनानी और राजनेता
जयप्रकाश नारायण का जीवन परिचय
जन्म दिनांक – 11 अक्टुबर सन् 1903 Birth Date – 11 October 1903
जन्म स्थान – बिहार Birth Place – Bihar
मृत्यु – 8 अक्टुबर 1979 Death Date – 8 October 1979
पिता – हरसू दयाल श्रीवास्तव Father – Harsudyal Shrivastav
माता – फूल रानी देवी Mother – Fool Rani Devi
पत्नी – प्रभावती देवी Wife – Parbhavati Devi
नागरिकता – भारतीय Citizenship – Indian
पार्टी – भारतीय राष्ट्रीय कॉग्रेस, जनता पार्टी Party – Indian National Congress, Janta Party
जेल यात्रा – 7 मार्च 1940 Jail Travelling – 7 March 1940
पुरस्कार – भारत रत्न, रेमन मेग्सेसे Prize – Bharat Ratan, Raman Megseysey
वे भारतीय स्वंतत्रता सेनानी और राजनेता थें। उन्हें 1970 में इन्दिरा गांधी कि विरूद्ध विपक्ष का नेतृत्व करने के लिए जाना जाता हैं। इन्दिरा गांधी को पदच्युत करने के लिए उन्होंने ’सम्पूर्ण क्रांति’ नामक आंदोलन चलाया। वे समाज-सेवक थें जिन्हें ’लोकनायक’ के नाम से भी जाना जाता हैं। 1998 में उन्हें मरणोपरान्त भारत रत्न से सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त उन्हें समाजसेवा के लिए मैगसेस पुरस्कार प्रदान किया गया था। पटना के हवाई अड्डे का नाम उनके नाम पर रखा गया था। दिल्ली सरकार का सबसे बड़ा अस्पताल ’लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल’ भी उनके नाम पर हैं।
He was an Indian freedom fighter and politician. He is best known for leading the opposition against Indira Gandhi in 1970. To depose Indira Gandhi, he started a movement called ‘Sampoorna Kranti’. He was a social worker who is also known as ‘Lok Nayak’. He was posthumously awarded the Bharat Ratna in 1998. Apart from this, he was awarded the Magsaysay Award for social service. Patna’s airport was named after him.
शिक्षा(Education)
पटना में अपने विद्यार्थी जीवन में जयप्रकाश नारायण ने स्वंतत्रता संग्राम में हिस्सा लिया।
जयप्रकाश नारायण बिहार विद्यापीठ में शामिल हो गयें, जिसे युवा प्रतिभाशाली युवाओं को प्रेरित करने के लिए डॉ. अनुग्रह नारायण सिन्हा द्वारा स्थापित किया गया था, जो गांधी जी के एक निकट सहयोंगी रहे और बाद में बिहार के पहले उप मुख्यमंत्री सह वित मंत्री रहे।
वे 1922 में उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका गये, जंहा उन्होने 1922-1929 के बीच केलिफोर्निया विश्वविद्यालय-बरकली, विसकांसन विश्वविद्यालय में समाज-शास्त्र का अध्ययन किया।
मंहगी पढ़ाई के खर्चों को वहन करने के लिए उन्होंने खेतों, कम्पनियों, रेस्त्रा में काम किया। वे मार्क्स के समाजवाद से प्रभावित हुए।
उन्होंने एम. ए. की डिग्री हासिल की।
उनकी माताजी की तबियत ठीक न होने के कारण वे भारत वापस आ गये और पी. एच. डी. पूरी न कर सके।
In his student life in Patna, Jayaprakash Narayan took part in the freedom struggle. Jaiprakash Narayan joined Bihar Vidyapeeth, which was established to inspire young talented youth by Dr. Anugrah Narayan Sinha, a close associate of Gandhiji and later the first Deputy Chief Minister cum Finance Minister of Bihar. He went to America for higher education in 1922. Where he studied sociology at the University of California-Berkeley, University of Wisconsin between 1922–1929. To meet the cost of his studies, he worked in the fields, companies, restaurants. He was influenced by Marx’s socialism. He did M.A. Got the degree. Due to the ill health of his mother, he came back to India and could not complete his Ph.D.
जयप्रकाश नारायण का राष्ट्र के प्रति योगदान(Contribution of Jayparkash Narayan to the Nation)
लोक जयप्रकाश नारायण का व्यक्तिव किसी तरह के पुरस्कार की मोहताज नहीं हैं, किन्तु इन्होंने देश सेवा में अपना समस्त जीवन दे दिया हैं, इन्हें विश्व स्तर पर पुरस्कार प्राप्त हुए, यहां पर उन्हें प्राप्त पुरस्कार का विवरण दिया जा रहा हैं।
The person of Lok Jayaprakash Narayan is not interested in any kind of award, but he has given his whole life in the service of the country, he has received awards at the world level, here the details of the award he received are being given.
वर्ष 1999 में भारत सरकार की तरफ से उन्हें भारत रत्न अवार्ड से नावाज गया।
इन्हें एफआईई फांउडेशन की तरफ से राष्ट्रभूषण अवार्ड से सम्मानित किया गया।
इनकी प्रतिभा भारत के लोगों के पहले ही विदेशियों ने पहचान लिया था, इस वजह से लोक सेवा करने के कारण इन्हें वर्ष 1965 में Raman मैगसेसे अवार्ड से सम्मानित किया गया। अतः भारत का स्वंतत्रता आन्दोलन हो या राजनैतिक आन्दोलन जयप्रकाश नारायण ने देश सेवा में हमेशा अपना योगदान दिया, इस कारण इन्हें कई यातनांए सहनी पड़ी, किन्तु उन्होने हार नहींेे मानी, आज भी कई राजनेता इनके नाम प्रयोग अपने भाषणों में करते हैं, भारतीय राजनीति को सदैव ही ऐसे क्रंातिकारी व्यक्तित्व वाले लोगो की जरूरत हैं।
In the year 1999, he was awarded the Bharat Ratna Award by the Government of India.
He was honored with Rashtra Bhushan Award by FIE Foundation.
His talent was recognized by the foreigners before the people of India, because of this he was awarded the Ramon Magsaysay Award in the year 1965 for his service to the public.
Therefore, whether India’s independence movement or political movement, Jayaprakash Narayan always contributed to the service of the country, due to which he had to endure many tortures, but he did not give up, even today many politicians use his name in their speeches, Indian politics We always need people with such revolutionary personality.
जयप्रकाश नारायण की मृत्यु(Death Of Jayparkash Narayan)
इनकी मृत्यु 8 अक्टुबर 1979 में इनके जन्मदिन के ठिक तीन दिन पहले हुई, इनकी मृत्यु का मुख्य कारण डायबिटिज और ह्दय सम्ंबधित विकार थे, उस समय इनकी आयु 77 वर्ष की थीं।
He died on 8 October 1979, just three days before his birthday, the main cause of his death was diabetes and heart related disorders, at that time he was 77 years old.
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