नमस्कार दोस्तों आज के इस आधुनिक युग के अंदर हर व्यक्ति जो कि जीवन की भागदौड़ के अंदर अपना जीवन व्यतीत कर रहा है सुबह से लेकर शाम तक वह धन कमाने के लिए और और जरूरतों को पूरा करने के लिए दौड़ता रहता है इसी दौरान वह अपनी सेहत का ख्याल नहीं रख पाता है जिससे कि सेहत का ख्याल ना रख पाने के कारण और इस आधुनिक युग के परिवेश में खान-पान का ध्यान न रखने के कारण उसे तरह-तरह की बीमारियां जकड़ लेती है
लेकिन जिनका बाद में इलाज करना असंभव हो जाता है तो आज हम इसी प्रकार की एक बीमारी के बारे में बात करेंगे जो कि बहुत ही भयानक मानी जाती है अगर वह बीमारी किसी व्यक्ति को हो जाती है तो उस व्यक्ति के लिए अपनी नॉर्मल लाइफ में आने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ता है जी हां हम अस्थमा की बात कर रहे हैं अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जोकि मुख्य वृद्ध लोगों में यानी कि बुजुर्ग लोगों में ज्यादा होने के चांस रहते हैं। सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि छोटे-छोटे बच्चे भी अस्थमा की चपेट में आ रहे हैं देखा जाए तो जिन लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता की चपेट में आते हैं
हमारे हेल्थ टिप्स में दोस्तों आपको बता दें कि हर कोई स्वस्थ रहना चाहता है लेकिन हमारे दैनिक जीवन में हमारी बॉडी के द्वारा कुछ ऐसे लक्षण देखने को मिलते हैं जिन्हें हम इग्नोर कर देंते है लेकिन यही लक्षण हमें हमारी बॉडी के बारे में बताते हैं।
।।दोस्तों आज हम बात करेंगे अस्थमा के बारे में जानेंगे क्या है इसके लक्षण है क्या होने के कारण तथा कैसे ध्यान से या मेडिकल परामर्श लेकर ठीक कैसे करें।।
जाने अस्थमा क्या है।
* दोस्तों यह बता दे की अस्थमा एक श्वसन रोग है।।
* बार-बार सांस लेने में दिक्कत हो तो उसे अस्थमा रोग कह सकते हैं ।
* दोस्तों दुनिया में लगभग 25 से 30 करोड़ लोग इस अस्थमा की बीमारी से ग्रसित है।
अस्थमा को दमा भी कहा जाता है बार बार सांस लेने में दिक्कत आना या जल्दी सांस फूलना इससे सांस की नली में सूजन आ जाती है और जिस से सूजन बढ़ने के कारण सांस की नली अंदर से और भी ज्यादा कम हो जाती है जिससे सांस लेने में और भी ज्यादा तकलीफ होती है इसके कारण फेफड़ों तक केऑक्सीजन पहुंचने में दिक्कत आती है।
दोस्तों यह बता दू की अस्थमा एक साधारण बीमारी नहीं है इसका असर दिल पर भी पड़ता है तथा डॉक्टर की माने तो एक स्वस्थ इंसान के मुताबिक अस्थमा ग्रसित व्यक्ति को हार्ट अटैक आने के चांस 70% से 75,% ज्यादा होते हैं
जब अस्थमा cat-1 आता है तो बॉडी के अंदर सांस की नली के पास की सभी नारियां कठोर हो जाती है और सांस की नली और भी ज्यादा सक्रिय हो जाती हैं इसका समय पर प्रमर्स न लिया जाए तो उस व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है।
जाने अस्थमा होने के क्या क्या कारण है क्यों होता है।।
दोस्तों शहरों में बढ़ रहे प्रदूषण के चलते रोग तेजी से बढ़ रहा है ऐसे में लोगों के लिए सांस लेना दूभर हो गया है अस्थमा एक अलर्ट एलर्जी जैसी बीमारी है जो किसी भी प्रकार की एलर्जी से हो सकती है या किसी की गंध से हो सकती है धूल मिट्टी के कारण से भी हो सकते हैं या कोई ऐसे खाद्य पदार्थ जिनसे भी हो यह एलर्जी हो सकती है अंडे मूंगफली दूध धूम्रपान करना सिगरेट बीड़ी आदि पीना।
इसके अलावा बिना एलर्जी या नॉन एलर्जी अस्थमा जैसे बार-बार जोर जोर से खांसी गाना या ज्यादा बार बार में हंसना या बार-बार में जल्दी से तनाव में आना या बार-बार में शरीर में एसिडिटी की प्रॉब्लम लंबे समय तक रहना आदि |
कुछ मुख्य लक्षण :-
अस्थमा के उपचार के लिए सबसे पहले इसके लक्षणों को पहचानना बेहद जरूरी है आइए जानते हैं कि अस्थमा के प्रारंभिक लक्षण क्या-क्या है
अस्थमा के लक्षण शरीर में बेचैनी महसूस होती है कई बार सिर भारी भारी लगता है और एक हिस्से में दर्द होना जोर-जोर से सांस लेने के कारण थकावट महसूस होना अधिक चलने के बाद उल्टी महसूस होना बंद होना या किसी तरह की हो सकते हैं इलाज अधिक चलने के बाद उल्टी महसूस होना सिगरेट बीड़ी के धुएं से गला बंद होना
- बलगम वाली खांसी आना या सुखी खांसी
- सांस लेने में दिक्कत लंबे समय तक रहना
- छाती में जकड़न महसूस होना छाती का में आवाज आना सांस लेते वक्त
- ठंड में सांस लेने में दिक्कत होना
- सुबह या रात के समय दिक्कत का और भी ज्यादा बढ़ जाना आदि।।
जाने अस्थमा का क्या इलाज हो सकता है :-
वैसे तो पूर्ण रूप अस्थमा का कोई इलाज नहीं है लेकिन उस तो आपको पता चल जाए कि आपको किस चीज से एलर्जी हो रही है इसके लिए आप एलर्जी टेस्ट भी करवा सकते हैं
उनसे आपका ऐसी चीजों से अपना बचाव कर सकते हैं यह आप किसी डॉक्टर से परामर्श ले सकते हैं अपना रूटीन चेकअप करा सकते हैं |
अस्थमा में कुछ अन्य घरेलू नुस्खे :-
घरेलू नुस्खे अपनाकर के आप ठीक हो सकते हैं इसे अब आइए जानते हैं कि सर्दियों में खासकर किए प्रॉब्लम बढ़ जाते हैं तो किन घरेलू नुस्खों को अपनाकर के आप इससे बच सकते हैं दमा के इलाज में बहुत प्रभावशाली है।
30 मिलीलीटर दूध में लहसुन की पांच कलियां उबालें और इस मिश्रण का सेवन करने से दमे की शुरुआती अवस्था में काफी लाभ मिलता है। लोंग लेकर पानी में उबालें जब पानी आधा रह जाए तो इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर पानी पीए। ऐसा काढा बनाकर दिन में तीन बार पीने से नियंत्रित होता है कि गर्म चाय में डाल दें इससे दमा नियंत्रित होता है। काली मिर्च का पाउडर खाने से सांस की तकलीफ में राहत मिलती है अस्थमा को काबू करने के लिए हल्दी एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से राहत मिलती है
जाने व्यायाम से कैसे करें अस्तमा का इलाज:-
अस्थमा के मरीजों के लिए और प्रदूषण दोनों ही नुकसानदायक होते हैं धूल भरी आंधी आए तो ऐसे वातावरण में अस्थमा रोगियों को बचना चाहिए क्योंकि उनके लिए अच्छी नहीं होती है स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सावधानी बरती जाए तो अस्थमा से बचना संभव है इस बीमारी में घरेलू नुस्खे अपनाकर भी स्वस्थ रहा जा सकता है अस्थमा की बीमारी को अगर समय रहते काबू कर लिया जाए तो इसके गंभीर अंजाम से बचा जा सकता है
तो दोस्तों आप इस बीमारी का इलाज रोज सुबह जल्दी उठकर व्यायाम कर के भी कर सकते हैं जैसे सुबह प्रणायम करे और कपालभाति करें।
इसके बाद अलोम विलोम करें यह सभी विराम रोजाना 15 से 20 मिनट तक करें।
इनके करने से आपकी यह अस्थमा की बीमारी आगे नहीं बढ़ेगी तथा धीरे-धीरे खत्म हो जाएगी।
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