Ali baba founder : आखिर कैसे गायब हुआ दुनिया का अरबपति इंसान JACK MA MISSING ||

 हेलो  आज मैं आपको  एक  ऐसे इंसान के बारे में  बताने  जा रहे हो जिसके बारे में खबरों और  जगह पर काफी चर्चा हो रही है.  तो आइए  स्टार्ट करते हैं.

 नाम- जैक मा

 प्रोफेशन- अलिबाबा फाउंडर

 


 

चीन का एक आदमी था जो बच्चों को अंग्रेजी पढ़ता था उसने थोड़े समय बाद टीचिंग छोड़ी और थोड़े पैसे उधार लिए उन पैसों से उसने वेबसाइट बनाई  जैसे की धड़कन फिल्म  मैं सुनील शेट्टी  थोड़े ही समय में 500 करोड़ के मालिक बन जाते हैं ऐसे ही वह  चीन का सबसे पहला अमीर इंसान बन गया था ई-कॉमर्स  के साथ-साथ ऑनलाइन मैसेजिंग और  फिल्मों की प्रोडक्शन  मैं शामिल थे. वह हर फिल्में  पढ़ लिया करते थे उनकी बनाई हुई बहुत सारी कंपनियां चाइनीस जनता  के  खर्चा और  बचत जैसे पैटर्न  तह तक करने लगी थी.  

 वह व्यक्ति चाइनीस  कम्युनिस्ट  का मेंबर और  खुलेआम चाइनीस जैसे सिस्टम से लड़ने में भी नहीं छुपता था सरेआम वह सिस्टम की कमियां गिनता और बताता था  ना जाने यह आदमी पिछले 2 महीनों से लापता है. अक्टूबर माह में  उसे आखरी बार  एक जगह पर देखा गया था.  उस जगह पर  उस आदमी ने  चीन के बैंकों की  कमियां  सरेआम बताई थी.

 कहां गया वो शख्स? उनके  गायब होने के पीछे की वजह क्या है? उन पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं  वह सच है या झूठ  आखिर सच्चाई क्या है?



 जहां पर वह पैदा हुए थे उस जगह का नाम था हांगचो  यह जगह चीन के दक्षिणी हिस्से में है  वह गरीब परिवार में पैदा हुए थे वह पढ़ने में काफी कच्चे थे जैसे तैसे उन्होंने कॉलेज  की पढ़ाई को खत्म किया. कॉलेज के खत्म होने के थोड़े दिन बाद ही नौकरी की तलाश में निकल पड़े उन्होंने लगभग 30  जगहों पर  अप्लाई किया  और हर जगह से  उनकी  ना  हुई. उन्होंने  के.फ. सी(KFC) मैं काउंटर की जॉब के लिए अप्लाई करा था वहां से भी उनकी ना हुई. उन्होंने हार मान कर सो जा की पुलिस की नौकरी करते हैं  वहां से भी उनको  कोई जवाब नहीं आया. फिर उन्होंने कुछ दिन बाद उन्होंने सोचा  कि आप टीचर बनकर देखते हैं. इसके लिए उनको एक  परीक्षा का एंट्रेंस पास  करना बहुत महत्वपूर्ण था. इसमें भी हो 2 बार फेल हुए और जब वह तीसरी बार पेपर  दिया तब जाकर  उन्हें सफलता प्राप्त हुई और उसके बाद कोर्स करके वो टीचर बन गए. और जिस साल में वो टीचर बने थे  वह था 1988  और वह सिर्फ 24 साल के थे.

 मयून टीचर तो बन गए लेकिन उनकी हमेशा से अच्छा थी कि अपनी दुकानदारी खोलना है या  अपना खुद का बिजनेस खोलना चाहते थे हमेशा से. मूवी से छोटे-मोटे काम में  दिलचस्पी लेते रहते थे. जैसे कि दवाइयों की कंपनी में एजेंट बन जाना  पार्ट टाइम के लिए. 1955  में मयून के एक  कंसंट्रेट की वजह से उनकी जिंदगी बदल दी.

 मयून की जिंदगी  इसलिए बदले क्योंकि वह एक चाइनीस  फर्म थी.  वहां पर एक  शख्स को  एक अमेरिकी बिजनेसमैन से अपने  बचे हुए पैसे लेने  थे. उस शक्स ने  इन पैसों को  वसूल करने की जिम्मेदारी  इन को दे दी. और वह अगले दिन  कैलिफ़ोर्निया गए, और उस बिजनेसमैन के घर पहुंचे. और  जिस शख्स से पैसे लेने दे  उस शख्स ने  उनके सर पर पिस्तौल तान दी.

 उनको 2 दिन तक  कमरे में बंद रखा गया. उन्होंने  अपनी जान छुड़ाने के लिए  उसे बिजनेसमैन के साथ  उन्होंने  एक  करार करा. जो बिजनेसमैन था वह अपनी एक इंटरनेट कंपनी खोलना चाहता था. और उसको एक शक्स चाहिए था जो चीन में रहता  हो. और उस वक्त  मयून  को  इंटरनेट के बारे में कुछ भी नहीं पता था. मगर मयून  को अपनी जान छुड़ाने थी  तो उन्होंने  उसको बोला कि मैं आपका पार्टनर बनने के लिए  तैयार हूं.

 इसके बाद मयून  को   छूट मिली.  उनके अमेरिका में सिहाटल शहर में  कुछ दोस्त रहते थे मयून  उनके पास चला गया उन्होंने अपने दोस्तों से पूछताछ की इंटरनेट के बारे में.  उनके बाद उसको  याहू  का पता चला. उन्हें पता चला आया हूं नाम का एक सर्च इंजन है वहां पर लिखते ही आपको दुनिया भर की जानकारी प्राप्त हो सकती है.  मयून   ने  याहू पर चाइना के बारे में लिखा और उन्हें कोई भी जानकारी प्राप्त नहीं हुई.  इससे उनको आईडिया है कि  वह चीनी कंपनियों के लिए वेबसाइट बना सकते हैं.

 आइए जानते हैं  सफलता कैसे प्राप्त हुई-

उन्होंने इसी आईडिया को लेकर आगे काम  करना चालू कर दिया. उन्होंने अपनी टीचिंग जॉब छोड़ दी और ₹60000 का कर्ज लिया और एक अपनी वेबसाइट  कंपनी बनाई  चाइना पैसेज. यह चाइना की सबसे पहली  इंटरनेट कंपनियों में से एक थी. और इसी के  चलते  मयून  अपने दोस्तों की मदद लेते हुए चीनी कंपनियों की वेबसाइट और होम पेज बनाने लगे. और उनका काम है धीरे-धीरे बढ़ने लगा.

 उन्होंने ई-कॉमर्स  घुसने का फैसला किया. यह कॉमर्स वह होता है जो इंटरनेट के माध्यम से चलने वाली  दुकाने. जहां पर आपको कहीं भी जाना ना पड़े  और आप घर बैठे बैठे ऑर्डर कर पाए. उन्होंने 1999  मैं  अपने दोस्तों को पार्टी करने के लिए बुलाया  और उन्होंने  इस  वेबसाइट  का नाम रखा “अलीबाबा”.  आखिर आप लोगों को पता चल ही गया होगा  अलीबाबा से मयून  की पहचान.

 यह जो नाम है अलीबाबा  के जो फाउंडर है  उनका ही चाइनीस नाम है. उन्होंने अपने दोस्तों से मिली मदद और  फाइनेंसिंग  से अलीबाबा बनाया. 1 साल के अंदर अलीबाबा को अमेरिका में और  जापानी कंपनियों  जैसे ‘सॉफ्टबैंक’  ‘गोल्डमैन सैक्स’  इन जैसे बड़े  निवेश  वालों की बैंकिंग मिल गई थी.

 शुरुआत में बहुत सी ऑनलाइन कंपनियों को समान भेजने के लिए फ्री सर्विस देने वाला अलिबाबा चाइनीस जनता की  सामान खरीदने  की आदत बन चुकी थी. 2005 में  याहू ने अलीबाबा के साथ 400 बिलीयन डॉलर की डील की  और उनको याहू का इंजन सर्च मिल गया. और वह अलीबाबा देखते ही देखते हैं चाइना का सबसे बड़ा  ई-कॉमर्स  प्लेटफार्म बन चुका था. और वह चाइनीस जनता इंटरनेट से क्या सामान  खरीदती है वह तय करने लगे थे अलिबाबा. और  इस सिस्टम का एक जरूरी काम करना बाकी था  जैसे कि कोई चीज खरीदने के लिए सबसे जरूरी होता है पैसा वह जो चीन में बैंकिंग सिस्टम था उस पर कब्जा सरकार का था और उनका बर्ताव बहुत ही गंदा था इसी कारण चने सिस्टम में क्रेडिट  का  काफी शॉर्ट्स  था.

  जैक मा ने सोचा क्यों नहीं इसका फायदा उठाया जाए और वह  इसी सेवा में घुसकर और उन्होंने शुरुआत की एक अलीपे  जैसे प्लेटफार्म से. यह एक अलीबाबा  के पेमेंट का काम करता था और वह धीरे-धीरे ऑनलाइन भुगतान में भी डील करने लगे  और थोड़े समय बाद अलीपे  बन गया  सबसे बड़ा ऑनलाइन(डिजिटल) पेमेंट प्लेटफॉर्म. इसके अलावा जैक मा इंश्योरेंस में मनी मैनेजमेंट और कंज्यूमर्स  की  फील्ड में भी आ गए.

 2014 में  उन्होंने कंपनी बनाने की सोची  और फिर उसका नाम एंड ग्रुप रखा और यह एक फिनटेक कंपनी है. इसका मतलब फाइनेंस और टेक्नोलॉजी का एक कोंबो पैक ऐसी कंपनियां  टेक्नोलॉजी के साथ वित्तीय सेवाओं  और उनकी गतिविधियों  मैं डील करती है नवंबर 2020 में यही एंड कंपनी दुनिया का सबसे बड़ा  आईपीओ लेकर आने वाला था. इस कंपनी की शुरुआत  पब्लिक लिस्ट से  23 लाख करोड़ रुपए की कमाई होगी.

 लेकिन उनका वक्त बहुत खराब था उनका वक्त एकदम से पलट गया वह चाइनीस की  कम्युनिटी पार्टी  की बेड  बुक्स में आ गए. जैक मा ने एक स्पीच दी थी 24 अक्टूबर 2020 को और उन्होंने इस स्पीच में चाइनीस के बैंकों की आलोचना की गई थी. उन्होंने इनके  नियम और कायदे का तरीका क्लब जैसा बताया गया था. और उन्होंने बोला था कि अगर देश को तरक्की करनी है तो उन्हें सुधार ही करना होगा.

 यह उनका  आखरी भाषण  था उनको 2 नवंबर को पूछताछ के लिए भी बुलाया गया और 3 नवंबर को उनकी कंपनी का आईपीओ तब को रद्द किया गया उसके थोड़े दिन बाद खबर आई अकेली बाबा पर कानून  का उल्लंघन  करने पर एक मीटिंग बुलाई गई है.  उसके बाद से  जैक  मा  लापता है. और ट्विटर पर कोई बोल रहा है कि जैक मा  चाइना छोड़कर भाग तो नहीं गए या उन्हें  काया तो नहीं कर दिया गया. और कई लोग बोल रहे हैं  कि उनको सरकार ने अंडरग्राउंड होने के लिए तो नहीं बोल दिया.

 आइए जानते हैं  अलीबाबा पर  और कौन सा आरोप है- 

अलीबाबा पर मोनोपोली मनाने का आरोप है.  एंट कंपनी पर  जरूरी नियमों को अवहेलना करने का आरोप भी लगाया गया है और सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण आरोप वह है उनके  एंट  के क्रेडिट बिजनेस पर उनकी कमाई का सबसे बड़ा जरिया यही है. यह बिना कैपिटल को मेंटेन किए  शॉर्ट टर्म  लोन बांट दिया करते थे इसके लिए जिनको कर्जे चाहिए होता था उनको  सीधे लोन  ना  देकर उनको बैंकों के साथ कनेक्ट करते थे और लोन दिलाने के बाद लोगों से  फीस लिया करते थे और बैंक से ब्याज भी कमाते थे.

 इन जैसी व्यवस्था में करीब  100 चाइनीस बैंक एंट  ग्रुप में थे. सरकार का कहना है कि इस ग्रुप में बैंकिंग सिस्टम को वल्नरेबल बनाया है मगर काफी लोगों का कहना यह भी है कि इस ग्रुप में तो केवल चाइनीस वित्तीय की व्यवस्था  बताए हुए खामियों को एक्सप्लोइट किया गया  है.

  यह जो सिस्टम है मोनोपोली तो यह चाइनीस सिस्टम की ही देन है क्योंकि वहां पर सरकार ने हमेशा  इंटरनेट को काफी  प्रोटेक्ट  किया हुआ है. उन्होंने गूगल फेसबुक ऐसी कंपनियों  को  ऑपरेट करने का हक नहीं दिया हुआ है. सरकार खुद ही अपने नियम नहीं मान रही है.


 आइए जानते हैं  जैक मा की  इमेज कैसे खराब हो गई  है- 

 जैक मा हमेशा इतने वक्त से सरकार को ही सपोर्ट कर रहे थे  और उनका  चीन के  बड़े-बड़े  लीडरों के साथ उठना बैठना था और उनकी सारे बिजनेस  कि जो  प्रैक्टिस थी  वह सरकार के सामने ही थी आप लोग ही बताइए क्या यह मुमकिन हो सकता है जो बिजनेस से जुड़े उनके गलत तौर-तरीके अब जाकर सरकार को नजर आ रहे हैं? और ऐसा भी नहीं है कि चीन की  टैंक कंपनियां मोनोपोली हो जैसे कि बैंकिंग फाइनेंस बिजली इन सारे सेक्टरों पर तो खुद चीनी सरकारी कंपनियों की मोनोपोली है.

बहुत लोगों का कहना है  कि यह सारे आरोप दिखावटी है असल में यह बात है कि जयकुमार काफी ताकतवर बन चुके थे और सरकार उनको जलील करना चाहती है खबरों के मुताबिक  आईपीओ के  इवेंट को रद्द करना अलीबाबा पर  जांच  करवाना  यह काम तो खुद  राष्ट्रपति शिनफ़िंग  ने किया है  और यह जो आदेश की पॉलिसी सुधारने से ज्यादा  बदला लेने पर की गई है.

 जैक मा देखते ही देखते  काफी बुरे साबित हो चुके हैं. उनकी जो कंपनियां हैं उनका भविष्य काफी अंधेरे में है 2 दर्शकों की उनकी मेहनत पर बहुत गंदी तरफ पानी पी चुका है जैक मा के बहाने चाइना ने अपने आरोपियों को संदेश दिया है  और बोला है  कि वह  जिस जगह से  लोगों को  ऊपर उठाते हैं  उसी जगह सोने गिराना भी आता है. सरकार की  यह हरकत  प्राइवेट  सेक्टर वाले लोगों के लिए खतरे की घंटी बन चुकी है.

 धन्यवाद

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