बैंक क्या हैं और कितने प्रकार के होते है कैसे काम करते हैं !

हेलो   मैं  हिमांशी  आज मैं आपको बैंक के बारे में बताने जा रही हूं  कि आप कैसे  आप अपना एक बैंक अकाउंट खोल सकते हैं  और कौन सा बैंक  बेहतर रहेगा  कितने प्रकार के बैंक होते हैं और कौन सा बैंक फायदेमंद होता है तो आइए स्टार्ट करते हैं- 

 बैंक किसे कहते हैं:- जैसे कि कोई व्यक्ति  अपनी दुकान ,कंपनी अपना खुद का बिजनेस खोलना चाहता है तो उस व्यक्ति के लिए सबसे ज्यादा मायने रखता है  ढेर सारा प्रॉफिट कमाना अधिकतर लोग कच्चा माल खरीद के उसको अच्छी तरह पैक करके आगे बेच देते हैं. जैसा कि आप जानते हैं दुकान के जो  मालिक होते हैं. वह थोक के भाव में  समान  उठा लेते हैं और आगे उसे बढ़ाकर भेज देते हैं. ऐसे ही बैंक भी अपना प्रॉफिट कमाने के लिए  यही काम करता है.जैसे ही  जो ब्याज है वह उनका कच्चा और तैयार माल होता है.

बैंक जिनसे पैसे लेता है उनको ब्याज पर दे देता है और उनसे आगे ब्याज लेता रहता है पैसे देते वक्त एक परसेंटेज बांध देते हैं जैसे कि किसी ने बैंक से ब्याज पर पैसा उठाया तो  उसकी एक परसेंटेज बन जाएगी कि आप को हर महीने इतना इंटरेस्ट आपको देना ही देना है. ऐसे ही करके  दोनों के बीच का ब्याज किसी भी बैंक  को प्रॉफिट या लॉस हो सकता है. 

आइए जानते हैं  मार्कअप हिसाब कैसे होता है-जैसे कि बैंक अपने एक ग्राहक लालू के पैसे लाली को दे रहा है. लेकिन  जब वह  पैसे लालू को दे रहा है  तो उसका ब्याज बहुत कम है  और वही पैसे  जब वह लाली को दे रहा है  तो उससे ज्यादा ब्याज ले रहा है. जैसा कि मैंने बताया दोनों  के ब्याज का अंतर ही बैंक का मार्कअप  या  प्रॉफिट हुआ.  लेकिन  ब्याज के  ब्रोकर  बनने के अलावा  लॉकर की सुविधाएं, बैंकों की करेंसी चेंज  करना  और कई प्रकार के माध्यम से ही प्रॉफिट कमा लेते हैं  यह सारी सुविधाएं बहुत कम बैंकों में मिलती है.

आइए जानते हैं बैंक कितने प्रकार के होते हैं Type of Bank -:

1. रिटेल बैंक- यह बैंक आम आदमी के लिए होते हैं  इसमें रिटेल का मतलब होता है थोक  यहां पर कोई भी  बैंकिंग कर सकता है हम जैसे लोग यहां पर कम ब्याज पर पैसे जमा करा सकते हैं और अगर हमें कभी जरूरत पड़े तो हम उस ब्याज पर कभी भी किसी भी टाइम  लोन  या उधार उठा सकते हैं.  और जो आजकल के टाइम पर जो मशहूर  बैंक है  उनका नाम है SBI,PNB,HDFC,ICICI, ALLAHABAAD.

भारत में दो बार के  रिटेल बैंक होते हैं-:

प्राइवेट बैंक- इस बैंक में सरकार की कोई हिस्सेदारी नहीं होती है  और  इनके  अलग-अलग  शेयर  प्रमोटर के पास होते हैं.

पब्लिक बैंक- इनकी सारी हिस्सेदारी इनकी सारी सरकार के पास होती है.

2. कमर्शियल बैंक- जैसा कि आप जानते हैं अगर हम किसी  बिजनेस को जोड़ दें  तो वह कमर्शियल बैंक बन जाता है. ऐसे ही  कहीं बैंक  छोटे छोटे  कॉरपोरेट्स  से  डील  करते हैं. जैसे कि उनके पैसे अपने पास रख(जमा) कर लेते हैं  और उन उधार दे  देते हैं.

मैं आपको एक उदाहरण  के साथ समझाती  हूं  जैसे कि मुकेश अंबानी  बैंकिंग की सुविधा का लाभ उठाना  चाहेंगे  तो वो सीधा  रिटेल जैसी बैंकिंग का  दरवाजा  बजाएंगे. जबकि उनके अपने कंपनी रिलायंस कमर्शियल जैसे बैंकों से डील करेगी. इसलिए  कमर्शियल बैंकों को भी  कॉर्पोरेट बैंक कहां जाता है  क्योंकि  रिटेल बैंक में छोटी-छोटी  धन राशियों का  लेन-देन लगा रहता है वैसे ही  कॉर्पोरेट बैंक में  बड़े-बड़े,  लेकिन वहां पर  बहुत  कम  लेन-देन होता है.

 कमर्शियल बैंक्स में  बड़ी बड़ी चीजें होती है  जैसे कि  इंटरनेशनल मनी ट्रांसफर  कैश या फाइनेंशियल  मैनेजमेंट आदि.

3. सेंट्रल बैंक-: सेंट्रल बैंक  हमेशा  दूसरे बैंकों के मुताबिक कम ब्याज पर पैसे देता है  और ज्यादा ब्याज  पर पैसे चढ़ा देता है  हर देश में केवल एक ही सेंट्रल बैंक होता है और हमारे भारत में उस बैंक का नाम है आरबीआई(RBI). आरबीआई सभी बैंक को पैसा देता है  और जिस ब्याज पर  पैसा देता है उसे  रेपो रेट कहते हैं  और जिस ब्याज पर वह  लेता है उसे  रिजर्व  रेपो रेट कहा जाता है  हमेशा रिजर्व -रेपो रेट  से अधिक  होता है.

4. कोऑपरेटिव-: एक पीएमसी बैंक होता है पीएमसी बैंक मतलब पंजाब महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक  इनके आगे कोऑपरेटिव  किसी कारण की वजह से लगा होता है. जैसे कि आप ” को- ऑपरेटिव(ऑपरेशन)” यह एक आपसी सहयोगी की तरह होता है  इसे आप विज्ञान की तरह समझिए  जब  जब कोई लोग आपस में  किसी  उद्देश्य के बारे में बात कर रहे होते हैं तब वह अपना  सुझाव और ज्ञान दोनों बांटते हैं  तो इसे आप सहकारी कह सकते हैं.

 जैसे कि मैंने आपको बैंक के बारे में बताया कि बैंक होता क्या है ऐसे ही सहकारी बैंक में  बैंकिंग की तरह  कुछ कॉमन फैक्टर होते हैं जैसे कि कई मेंबर्स में कोई गाय पालता  हो या कोई एक साथ एक ही सोसाइटी में रहता  हो या एक ही बिल्डिंग में रहता हो.

आइए जानते हैं सहकारी बैंक कितने प्रकार के होते हैं Type of Bank:

1.राज्य

2.शहरी

3.केंद्रीय 

4.ग्रामीण

5.पीएमसी

 यह सारे सहकारी बैंक के अंदर आते हैं.

 5. शैडो बैंक-: यह शैडो बैंक  इसलिए होते हैं यह एक  पूरे तरीके से बैंक नहीं होते हैं  यह उनकी छत्रछाया  की तरह होते हैं. जैसे कि आप जानते हैं आरबीआई के जो  रूल्स होते हैं  उनकी तरह  इन पर कोई  सख्त रूल  लागू नहीं होता है. इस बैंक में  एक सुविधा प्राप्त होती है  और उस सुविधा का नाम है ‘रिपेमेंट ऑन डिमांड’ होती है. इसका मतलब यह होता है जब आपका मन करे बैंक से पैसे निकाल सकते हैं 

इसमें आपको कोई  चेक इशू करवाने की जरूरत नहीं होती है. यह एनबीएफसी(NBFC)  नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी की तरह होती है जो बैंक की तरह काम करने की कोशिश करता है लेकिन यह एक प्रॉपर बैंक नहीं होता है यह बहुत कम ब्याज पर बैंक से लोन उठा लेते हैं और ज्यादा  ब्याज पर  खुदरा लोन देते हैं  और लोन लेने के लिए आपको ज्यादा डॉक्यूमेंट की जरूरत नहीं होती है.

6. क्रेडिट यूनियन-: क्रेडिट यूनियन बी सहकारी बैंकों की तरह होता है  लेकिन यह बिना प्रॉफिट और बिना  लॉस  के काम करता है  अगर मैं आपको एक उदाहरण दूं मान लीजिए  कुछ लोगों ने मिलकर एक  क्रेडिट यूनियन बना ली  तो जिन लोगों ने बनाई है वही लोग पैसा जमा करेंगे और वही लोग पैसा निकाल सकते हैं  और यहां पर उसे यूनियन  का ग्राहक भी वही होता है और रिश्तेदार भी और यह यूनियन आपको पैसा निकालने पर कम ब्याज देना पड़ता है  और पैसे जमा करने पर भी कम ब्याज मिलता है.

7. इन्वेस्टमेंट बैंक-: इस बैंक का काम होता है बड़ी-बड़ी कोऑपरेटिव को देखना.  मेजर एक्टिवेशन कंपनियों में मदद करना  मान लीजिए  अगर कोई कंपनी शेयर मार्केट में रजिस्टर्ड होने जा रही है  या किसी कंपनी को विदेश के निवेश में कोई मदद चाहिए  हीरा और कंपनी को अपना फंड  रेंज या बढ़ाना है  तो यह काम पेपरवर्क  से लेकर  सारे पक्षियों के दौरान  लीगल तक का तामझाम यह सारा काम इन्वेस्टमेंट बैंक को देखना होता है. जैसे कि आपको नाम से ही पता लग रहा होगा इन्वेस्टमेंट का यानी पैसों का बंदोबस्त देखना होता है. भारत में ऐसे बैंक बहुत कम है.

तो आइए जानते हैं आप अपना बैंक कैसे खोल सकते हैं-:

जैसा कि मैंने आपको  जितने बैंक संभव  या मुझे इतनी जानकारी थी मैंने आपके साथ बता दी है  तो मैं आपको बताती हूं क्या आपको क्या क्या चाहिए होगा  जब आप बैंक खोलने की सोच रहे हैं तो  या खोलना चाहते हैं तो-:

कैपिटल– अगर आपके पास कैपिटल  यानी पैसे नहीं है तो फंडिंग से भी अपना खाता खुलवा सकते हैं.

पेपर वर्क– मैं आपको हिसाब तो बता सकती हो पर उसमें काफी सारे पेपर वर्क लग सकते हैं और आपको एक लीगल टीम की जरूरत पड़ सकती है अगर आपके पास टाइम नहीं है तो आप किसी भी इन्वेस्टमेंट बैंक से संपर्क कर सकते है

डोमेन और ऑनलाइन सुविधाएं-: अगर आपके पास  कोई बैंक है  जो आपको ऑनलाइन सुविधा  देने में असमर्थ है  तो आप नेट पर जाकर अच्छा सा   डोमेन  या  एप्लीकेशन को देखकर  आप कोई अच्छा सा देख सकते हैं  और इससे आप अपनी ऑनलाइन पेमेंट  भी एक्टिव कर सकते हैं.

नोट-अगर आप इंस्टाग्राम फेसबुक के माध्यम से यूज करके  पैसा कमाना चाहते हैं  और अपने खुद के मालिक बनना चाहते हैं तो आप मुझे  इंस्टाग्राम पर मैसेज करके पूछ सकते हैं .

धन्यवाद आपका दिन शुभ हो.

 

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