दिल्ली के दंगे CAA का विरोध या हिंदुओं का विरोध ???
नमस्कार दोस्तों आज हम दिल्ली दंगो के बारे में बात करेंगे दिल्ली में हुए दंगे कहने को तो CAA के विरोध में थे पर सच कुछ और ही है दिल्ली के दंगे CAA का विरोध नहीं बल्कि सीधा सीधा हिन्दुओं का विरोध था दंगाइयों ने दंगा करने के लिए योजन बहुत पहले से बनाई थी और उन्होंने चुन चुनकर हिन्दुओ को निशाना बनाया
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credit :india today
दंगाइयों ने जो तेजाब की बोतलें फेंकी वह पहले से चुने हुए जो हिंदू घर थे उनमे फेंकी जिससे कि वह हिंदुओं को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुँचा सके। एक डर कायम करने की पूरी कोशिश की गई !कुछ एक बिके हुए पत्रकार यहां तक कि कुछ गद्दार पत्रकार वहां पर आकर लोगों को जबरन सवाल पूछ रहे थे कि क्या यह दंगे कपिल मिश्रा ने करवाएं या फिर किसी बीजेपी नेता ने करवाएं या किसी हिंदू ने करवाए लोगों से जबरन सवाल पूछे गए गए गए और एक विशेष समुदाय को सामने रखा गया सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहे हैं उसमें आप देख सकते सकते हैं कि किस तरह हिंदुओं के घरों में आग लगाई गई और यहां तक कि एक हिंदू के घर में एक बेटी का विवाह था शादी में खाना बनाने के लिए गैस के सिलेंडर वगैरा चीजें लाई गई थी तो दंगाइयों ने उनके घर पर सीधी तेजाब की बोतलें फेंकी ताकि उनके घर पर आग लगाकर उन्हें खत्म किया जा सके और ऐसा करने में वह कामयाब भी हुए हुए और बहुत सारे लोगों की जान भी इसमें गई |
हिंदुओं का विरोध ???
दोस्तों यह जो वामपंथ है तो देश विरोधी ताकतें हैं यह भारत की कुछ विशेष समुदाय को बरगला कर उनको किसी चीज का लालच देकर यह जो अराजकता का माहौल पैदा कर रहे हैं देश में और सीधा सीधा हिंदुओं पर अत्याचार किया जा रहा है और आपको बता दें कि उन्हें दंगों के दौरान एक ताहिर खान जो कि आम आदमी पार्टी के नेता थे उनको वीडियो में देखा गया और इसके बाद आम आदमी पार्टी ने उन्हें अपनी पार्टी से से भी निष्कासित कर दिया लेकिन आज जिस आम आदमी पार्टी को दिल्ली वालों ने फ्री के लालच में फिर से सत्ता में कायम किया है उस पार्टी ने अपना रंग दिखाना भी शुरू कर दिया है। दंगों के दौरान जो दंगाई थे वे मुसलमान थे उन्होंने जय श्री राम का नारा लगा रहे थे और यहां तक कि बीजेपी की पटिया भी भी पहन रखी थी यहां तक कि भगवा झंडा लेकर लोग घूम रहे थे जिससे कि यह लगे कि यह जो सारे दंगे हैं यह हिंदू कर रहे हैं और हिंदुओं को बदनाम किया जाए तो इससे आप सीधा सीधा यह अनुमान लगा सकते हैं कि यह जो दंगा दंगाइयों का जो दंगा करने का जब मकसद मकसद था यह नागरिकता कानून के विरुद्ध नहीं बल्कि हिंदुओं का विरोध किया गया।
क्रेडिट :SHORTPEDIA
इंटेलिजेंस ब्यूरो के ऑफिसर अंकित शर्मा
दंगाइयों ने किस क्रूरता के साथ एक इंटेलिजेंस ब्यूरो के ऑफिसर अंकित शर्मा को मौत के घाट उतार दिया उन्होंने अंकित शर्मा को चाकू से गोदकर मारा यहां तक कि उसके शरीर पर 400 बार चाकू बार चाकू से वार किया गया और उनकी लाश को गंदे नाले में फेंक दिया तो आप उनकी जो यह मानसिकता है अपराध करने की उससे अंदाजा लगा सकते हैं कि कितनी उनके अंदर क्रूरता भरी हुई है और हिंदू के कितनी प्रति नफरत भरी हुई है। अंकित शर्मा सिर्फ वहां दंगा शांत करवाने गए थे |
अंकित शर्मा की मौत के बाद उसका पोस्टमार्टम हुआ और पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर खुद बयान दिया उन्होंने खुद कहा कि आज तक मैंने इतनी दर्दनाक मौत नहीं देखी अंकित के शरीर पर लगभग 2 से 4 घंटे चाकू से वार किया गया उनके शरीर पर ऐसा कोई अंग नहीं था जहां पर चाकू से वार नहीं किया गया। अगर हम देखें तो 2 से 4 बार चाकू मारने के बाद एक व्यक्ति मर जाता है लेकिन जो 400 बार चाकू उनके शरीर पर मारा गया तो आप उनकी इस मानसिकता का अंदाजा लगा सकते हैं और आपको याद होगा कमलेश तिवारी को भी इसी तरह क्रूरता के साथ मारा गया था क्योंकि वह भी एक हिंदू थे एक हिंदू नेता थे।
आपको याद होगा विवेक नाम का युवक दंगाइयों ने जिसके सिर में जिसके सिर में दंगाइयों ने ड्रिल डाल दी थी आज उसके बारे में मीडिया में कोई जिक्र नहीं है आज मीडिया में आज को भी मीडिया उसके बारे में नहीं दिखा रहा है कि वह मर गया है कहां है क्या कर रहा है क्योंकि मीडिया हमेशा ही इन बातों को छुपाती है! हम निचे एक वीडियो दाल रहे है जिसमे दिल्ली दंगे का आखों देखा हाल वहा के नागरिक कर रहे है जिन पर दंगाइयों ने अत्याचार किया |
मेरा सभी हिन्दुओ से निवेदन है कि हिन्दुओ को भी सगठित होकर ें राष्ट्रविरोधी ताकतों का सामना करना होगा